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Showing posts from May, 2021

अंग्रेज़ों की कचहरी में ही फैल्टकैपों की जलाई थी होली 01 जून 2021आज की बात (Today's trend)

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01 जून 2021 आज की बात (Today'strend) नमस्कार मित्रो !  आज की बात में जिस शख्सियत का हम जिक्र करने जा रहे हैं वह शख्सियत वाकई एक यादगार छाप इस देश के लिए छोड़ कर गई है। आजादी की जंग में तो हजारों लाखों सेनानियों ने अंग्रेजों  से जंग की थी, मगर इस शख्सियत ने तो अंग्रेजों से आजादी की जंग तो समाज से छुआ-छूत, ऊंच-नीच और तमाम भेदभाव की नीतियों के खिलाफ खड़े होकर देश की विषमताओं को षमताओं और भेद को मिटा भाव बदलने भरपूर कार्य किया।            श्री ज्ञानेंद्र जी का जन्म आज के ही दिन सन 1911 में आगरा के खांड़ा-बरहन ग्राम में एक कुलश्रेष्ठ परिवार में हुआ था।  7 वर्ष की आयु में माता-पिता का साया सर से हट गया तो आप अपने फुफेरे भाई पार्वती प्रसाद जो ग्वालियर में 'जयाजी प्रताप' के संपादक थे, के पास चले गए। जहां आपने हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद आप बरहन निवासी जयंती प्रसाद जो महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में ही रहते थे, के संपर्क में आए और यहाँ से खादी और देश की आजादी के कार्य में रम गये। इसी दौरान आपने आगरा सिविल कोर्ट...

आजके ही दिन नमक कानून तोड़ दिया था अंग्रेजों को चकमा 31मई 2021 आज की बात (Today's trend)

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31 मई 2021 आज की बात (Today's trend) नमस्कार मित्रो!  आज की बात में हम एक ऐसी शख्सियत को लेकर आप से रूबरू हो रहे हैं जिसका पूरा जीवन सनातन धर्म व देश की आजादी के लिए समर्पित रहा। इस महान सेनानी का नाम है श्री देवनायक उर्फ (हटीला बाबा)। त्याग-तपस्या के लिए हटीला बाबा का जन्म पंजाब के गांव जुगराँव (यही गांव लाला लाजपतिराय की भी जन्मभूमि है) में हुआ था। आप बचपन से ही देश भक्ति में रचेपचे थे। बताते हैं कि आप सरस्वत ब्राह्मण थे। परिजन पुरोहिती का कार्य करते थे जो उन्हें पसंद नहीं था। इसलिए किशोरावस्था में ही यह अपना गांव छोड़ नाभा (पटियाला) चले गये थे। वही पर 1928 में नाभा के राजा रिपुदमन सिंह (गुरुचरण सिंह) को अंग्रेजी हुकूमत ने गद्दी से हटा कर राजनीति कैदी बना तमिलनाडु के कोडाईकनाल भेज दिया गया था। इस से पूरे पंजाब में बुरी तरह से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह फ़ेल गया था। इस अंदोलन में बाबा पहली बार देश के लिए लिये जेल गये थे। अंग्रेजी कैद में आपने आठ माह कठोर यातनाएं सही। यहां से छूटने के बाद आप दिल्ली जाकर "रियासत" पत्र के संपादकीय विभाग में कार्य करने लगे। कुछ स...

सुविधाओं को छोड़ चुनी थी आजादी 29 मई 2021आज की बात (Today's trend)

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29 मई 2021  आज की बात (Today'strend) नमस्कार मित्रो! आज दो दिन बाद आप से मुखातिब हो रहे हैं। क्योंकि अस्वस्थता के चलते आपके समक्ष नहीं आ पाये थे। चलिये आज एक ऐसी शख्सियत के साथ आपसे जुड़ने का प्रयास करते हैं जिन्होंने तमाम संपन्नता के साथ सुख-सुविधाओं को त्याग देश सेवा को चुना था और डाक्टरेट की तमाम डिग्रियों के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में कूद आजके ही दिन आप पहली एक वर्ष के सश्रम कारावास के लिए अंग्रेजी जेल में गये थे।         ऐसी महान विभूति का जन्म 26 सितंबर 1904 को हाथरस तहसील के गांव दरियापुर में श्री  जमुनाप्रसाद जी के यहाँ हुआ था। इस महान सेनानी का नाम है डाॅ. धनीराम 'प्रेम'। आपने नेशनल मेडीकल काॅलेज मुंबई से (1924-28) डाॅक्टरी की डिग्री, सन् 1929-31 के बीच  एडीनवरा विश्वविद्यालय तथा लन्दन विश्वविद्यालय से एमआरसीएस (इंग) के अलावा एलआरसीपी (लन्दन) के साथ डीटीएम & एच (इंग) की उच्च डाॅक्टर उपाधियां प्राप्त की। हांलाकि इससे पूर्व 1920 ही इन्होंने अंग्रेजी अत्याचार से कुपित हो पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दी थी। आप गाधीगीरी के प्...

आज हुए थे हाथरस 48 क्रांतिकारी शहीद 26 मई 2021 आज की बात (Today's trend)

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आज ही के दिन 48 क्रांतिकारी हुए थे हाथरस में शहीद  26 मई 2021 आज की बात (Today'strend) नमस्कार मित्रो ! आज की बात में हम चर्चा करेंगे 26 मई 1857 की नाकामी पर। क्योंकि जब-जब 26 मई आती है तो मनो मंगल पांडे और पंडित नारायण जमीदार की शहादत पर पानी फेरजाती है। क्योंकि आज के दिन ही अंग्रेजो ने हाथरस पर आक्रमण कर अपने बंधक साथियों को मुक्त करा अंग्रेजी हुकूमत की पुनः स्थापना की नींव रखी थी। हां बात कुछ अटपटी है, लेकिन सच है। आइये खुल कर समझते हैं।            बात 1857 की तारीख 29 मार्च की हैं जब कलकत्ता के पास बैरकपुर में अंग्रेजी आफसर लेफ्टिनेंट बाग हमला बोल घायल किया था। इससे अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह फ़ेल गया था। 12 मई 1857 को अलीगढ़ पहुँच गया था। इस विद्रोह का ही कारण था कि अलीगढ़ अंग्रेज अफसर बार्लटन का बंगला जला दिया था। हांलाकि इस के आरोप में केवल अंग्रेजी सैनिकों गवाही के आधार पर जमीदार नारायण पंडित को 20 मई की शाम फांसी दे दी गई। यह 1857 की क्रान्ति में क्षेत्र की पहली शहादत थी। इससे अलीगढ़ में बगावत के स्वर और उठे तो हालातों ...

जीवित पकड़ो या गोली मारो 25 मई 2021 आज की बात (Today's trend)

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25 मई 2021 आज की बात (Today's trend)  नमस्कार मित्रो ! आज की बात में हम एक ऐसी शख्सियत के विषय में बताने जा रहे हैं जो सेनानी के साथ-साथ ऐसे क्रांतिकारी घटनाओं के प्रणेता थे जिसके चलते अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी और यह आदेश जारी करना पड़ा था कि "जीवत पकड़ो या गोली मारो दो"। जो नमक सत्याग्रह के तहत पहली 24 मई 1930 को पकड़े गये थे और आज के ही दिन पहली बार देश के लिए अंग्रेजी जेल में गये थे।         नाम सरदार रणवीर सिंह पुत्र सरदार धन्नासिंह निवासी नहर की कोठी सिकंदराराऊ (हाथरस) जो पहले अलीगढ़ जिले में आता था। पिता के मथुरा तबादला होने पर उनकी शिक्षा 1928-1930 तक शिक्षा चंपा  इंटर कालेज मथुरा में ही हुई। यहां यह शिक्षाविद कामेश्वरनाथ के संपर्क में आ कर आजादी के मिशन पर चल पड़े। विदेशी वस्तु बहिस्कार  आंदोलन के तहत दुकानों पर धरना देना, भाषण करना और जुलूसों का संचालन करना इनके लिए आम बात हो गई थी। 24 मई 1930 की शाम को सरदार जी नमक कानून के विरोध में भाषण देते अंग्रेजों ने      गिरफ्तार कर लिया और 25 मई 1930 को पहली बार ...

पत्रकारिता को मध्य बनाया था आजादी का 24 मई 2021 आज की बात (Today's trend)

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24 मई 2021 आज की बात (Today'strend) नमस्कार मित्रो 🙏!  आइये आज एक ऐसी शख्सियत की बात करते हैं जिन्होंने पत्रकारिता शौक के लिए नहीं बल्कि मात्रभूमि की स्वधीनता और पिता से मिली बिरासत के रूप में की। जिन्होंने अपना बचपन, जवानी और अपना सबकुछ भारत भूमि के लिए समर्पित कर दिया। हम बात मथुरा के उस लाल की कर रहे हैं जिसका सिर्फ आजादी के आंदोलन के लिए ही जन्म हुआ था। उस शख्सियत का नाम है "श्री रामजीदास गुप्त" जिनके पिता का नाम था श्री पुरषोत्तमदास अग्रवाल जो लोगों में स्वाधीनता का सत घोल देना चाहते थे। जन-जन को जोड़ने के लिए श्री दास ने "रंगेश्वर प्रेस" का संचालन करते हुए राजनीतिक साहित्य व वर्तमान हालातों से संबंधित समग्री आदि का मुद्रण कर जन-जन तक पहुचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया था। पुरषोत्तम दास जी के यहाँ चैत्र शुक्ल दौज संवत 1963 में श्री रामजीदास का जन्म हुआ।  रौलट एक्ट के युग में आप में पूरी तरह से आजादी का अंश फूट पड़ा था। वक्त 1921 का रहा था जब उन्होंने अपने समर्पित साथियों के साथ "राष्ट्रीय बाल मंडल की स्थापना की। साथ ह...

अदालतों का काम हो हिन्दी में: ब्रजलाल वर्मन 23मई 2021 आज की बात (Today's trend)

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23 मई 201 आज की बात (Today's trend) नमस्कार मित्रो! आज की बात में हम एक ऐसी शख्सियत से आपको मिलाने जा रहे हैं, जिन्होंने नागरी प्रचारिणी सभा की प्रथम आधार शिला का मसौदा तैयार किया था। जो हिन्दी के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ भरत की स्वतंत्रता के एक सच्चे पुरोधा थे। जब-जब हिन्दी के अधिकार और भारत की स्वधीनता की ललकार पर बात होगी तब-तब हकीम ब्रजलाल वर्मन का नाम प्रथम पंक्ति में नजर आयेगा। फाल्गुन कृष्ण छट संवत 1948 को जन्मे श्री ब्रजलाल वर्मन के पिता हकीम श्री पन्नालाल वर्मन से ही उन्हे देश भक्ति की दिशा मिली थी। बचपन से  देश भक्ति में रचेपचे थे। 1905 में बंगभंग आंदोलन से लेकर 1942 तक के विभिन्न स्वधीनता आंदोलनों में उन्होंने ने अग्रणीय भूमिका निभाई और कई जेल यात्रायें भी की। अंग्रेजों ने तमाम शारीरिक यातिनायें भी दी, लेकिन वह विचलित नहीं हुए।          1911 में आजके ही दिन उन्होंने नागरी प्रचारिणी सभा का मसौदा बना कर तैयार किया और हिन्दी के प्रचार-प्रसार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका यह प्रचार था कि अदालतों की भाषा हिन्दी हो। इस मह...

22 मई 2021 आज की बात (Today's trend)

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22 मई 201 आज की बात (Today's trend) ज़िन्दगी लम्बी नहीं बड़ी होनी चाहिए यह सीख देके गया है मेरा छोटा भाई।  हे राम! हे प्रभु ॐ शांति शांति शांति ! 22 मई 2021 "आज की बात (Today'strend" लिखते वक्त हाथ कांप रहे हैं। मन दुःखी है। क्योंकि रतन जी अंतिम दर्शन के लिए निकल चुके हैं। तकरीबन 10: 15 तक पत्थर वाली श्यमशान पर उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन होने के लिये पहुंचेगा।           मन दुःखी है, व्यथित है, लेकिन यह सत्य है। रतन तुम्हारी कृष्ण मुस्कान, सभी के प्रति विनम्र व्यवहार अब बस आपकी यादों में ही मिलेगा। रतन गुप्ता को लेकर मुझे आज भी वह वर्षों पुरानी बात याद है जब डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता व मेरे बड़े भाई श्री राजीव तिवारी जी ने मुझ से रतन को लेकर पत्रकारिता के क्षेत्र में जोड़ ने की एक दमदार सिफारिश की थी। हांलाकि रतन उस समय किसी न्यूज चैनल से प्रारंभिक ज्ञान ले रहे थे। राजीव भाई सहाब के कारण बहुत जल्द रतन मेरे बहूत करीबी हो गये थे। वास्तविकता तो यह है कि रतन जी अपने व्यवहार और व्यक्तित्व से पूरे हाथरस ही नहीं...

आजादी में प्रेम महाविद्यालय की भूमिका 21 मई 2021 आज की बात (Today's trend)

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21 मई 2021 आज की बात (Today's trend) नमस्कार मित्रो ! आज की बात में हम एक ऐसे शिक्षण संस्थान की बात करने जा रहे हैं जो शिक्षण संस्थान के साथ-साथ अनेको आजादी के दीवानों का जन्मदाता था। या यूं कहें सकते हैं कि सेनानियों का एक सुरक्षित संरक्षण स्थल था। जी हां! हम बात वृंदावन के प्रेम महाविद्यालय की कर रहे हैं। इतिहास के पन्नों में बात 1922 की है।  आजादी के दीवानों में एक जाना पहचाना नाम है प्रोफेसर श्री कृष्णचन्द्र। भले ही उनका जन्म मेरठ में हुआ था, लेकिन आजादी का परवान उनको आज के ही दिन से चढ़ा था। बताते है 1922 में आजके ही दिन प्रोफेसर श्री कृष्णचन्द्र ने बतौर अध्यापन का कार्य प्रेम महाविद्यालय में संभाला था। आप विज्ञान विषय के साथ राजनीति व इतिहास विषय में भी अच्छे जानकार थे। हांलाकि उनके अंदर राष्ट्र प्रेम तो पहले ही से भरा हुआ था, लेकिन उसका परवान उनके अंदर प्रेम महाविद्यालय से ही चढ़ा था।  1930 के आस-पास नमक सत्याग्रह से आप  अच्छी चर्चाओं में थे। बिजाहरी कांड में भी काफी सार्थक प्रयास थे। प्रोफेसर श्री कृष्णचन्द्र घटना के बाद 21 मई 1...

बिजाहरी के सपूत, देशभक्ति भरपूर 20 मई 2021 आज की बात (Today's trend)

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20 मई 2021 आज की बात  (Today's trend) नमस्कार मित्रो!  आज की बात में हम बात गांव बिजाहरी की कर रहे हैं। क्योंकि जब-जब देश की आजादी में 'नमक सत्याग्रह की बात छिड़ेगी तो बिजाहरी के त्याग और आंदोलन व  सक्रियता को नकारा नहीं जा सकता।    आज ही के दिन यानी 20 मई 1931  को अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के तहत बिजाहरी के स्वधीनता सेनानियों को दफा 107 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था। हांलाकि 1930 में ही पूरा गांव बिजाहरी स्वतंत्रता संग्राम में अग्रसर हो चला था। मार्च के अंत तक गांव बिजाहरी मे लगानबंदी का कार्य चला था। इसी दौरान अंग्रेजों के कुछ टट्टुओं (चापलूसों) ने ग्रामीणों पर डकैती का झूठा केस दर्ज कराया। इधर,  गांव में पहुँची पुलिस ने पेड़ों पर लगे तिरंगे झंडों को भी उतार लिया था और जमकर दमनात्मक कार्रवाई की थी। करीब 80 की संख्या में पहुँचे पुलिस दलने आंदोलनकारियों में से बलुआ, वेदी, शोभाराम व टोडी गिरफ्तार किया था। अंग्रेजी खाकी की हिंसात्मक कार्रवाई आज भी लोगों को सिहेर देती है।  क्योंकि अंग्रेजी हुकूमत के दैत्यो...