सीखेंगे तो कमाएंगे करोड़ों, पीढ़ियों के लिए भी दे जाएंगे करोड़ों का बिजनेस
सीखेंगे तो कमाएंगे करोड़ों, पीढ़ियों के लिए भी दे जाएंगे करोड़ों का बिजनेस
-डायरेक्ट मार्केटिंग के लिए सीखना जरूरी
व्यक्ति का स्वभाव होता है कि जिस माहौल में रहता है, बस उसी जैसा करना चाहता है, लेकिन दुनिया में आगे वह बढ़ता है जो कुछ अलग करता है। उसको या तो अनुभव होता है यानि जानकारी या फिर मुद्रा लाभ (इनकम यानि पैसा) मिलता ही है। कुल मिलाकर उसके दोनों हाथों में लड्डू होते हैं, लेकिन लड्डू जभी होते हैं, तबकि वह कुछ अलग करता है अर्थात वह ठानलेता है कि कुछ अलग करना है और कुछ अलग तभी कर पाता है, जबकि वह सीखता है।
क्या समझे आप ? अगर समझ में आएगा तो निश्चित बदलाव आएगा। समझमें नहीं आया है तो बार-बार समझने का प्रयास करिएगा। समझना तो पड़ेगा ही। क्योंकि बिना समझे आपको कोई लाभ होने वाला नहीं हैं। जो समझते नहीं है वह आम (भीड़ में चलने वाला एक मामूली आदमी) की गिनती में आते हैं, लेकिन जो समझते हैं वह धीरे-धीरे आम से खास (भीड़ से अलग चमकने वाला व्यक्ति जैसे सचिन तेंदुल्कर, अमिताभ बच्चन, नरेंद्र मोदी आदि) बनते जाते हैं। क्योंकि समझने से बौद्धिकता की श्रेणी बढ़ती है, समझने से रास्ते खुलते हैं और संबंधों में भी प्रगाढ़ता आती है। समझने के बाद ही आर्थिक आजादी (इनकम यानि पैसा) की ओर आपके कदम बढ़ते जाते हैं। इसलिए एक कहावत है किः-
करत-करत अभ्यिस के जड़मत होत सुजान
अर्थात जो जड़ होती है। जहां पर जन्मलेती है वहीं पर अपना पूरा जीवन करलेती है, लेकिन अभ्यास से उस व्यक्ति में भी परिवर्तन आ जाता है जो जड़ की तरह बुद्धि वाला होता है।
व्यक्ति जिस विषय पर सीखता है उसी की जानकारी होती है। अगर वह अपना विषय बदलता है तो उसको फिर से नए सिरे से यानि फिर से शुरू आत करनी होती है। सही मायने में जो कहावत है बिल्कुल सत्य है कि जिन्दगी सीखने का नाम है।
हमें सीखना क्या चाहिए ? :-
यह एक महत्वपूर्ण विषय है कि हमको क्या सीखना चाहिए या फिर क्या नहीं सीखना चाहिए। देखिए यह सभी विद्धानों ने बताया है कि व्यक्ति वह काम आसानी से सीख जाता है जिसमें उसकी रूचि हो यानि इन्ट्रेस्ट, लेकन बुद्धिजीवियों का यह भी कहना है कि रूचि यानि इन्ट्रेस्ट तो पैदा करने की एक आदत है। यहां पर अगर यह कहें तो गलत नहीं होगा कि रूचि वहां होती है जहां पर व्यक्ति का मन लगता है। मन के विषय में बुद्धिजीवियों का कहना है कि मन तो लगाने की चीज है। अर्थात आप जिस में मन को लगाना चाहते हैं। उसकी बारिकियों में जाएं और उस विषय की विशेषता आपके दिमाग में अगर टच करती है तो निश्चित ही आपकी अभिरूचि उस कार्य या उस विषय में लग जाएगी जिसमें आप लगाना चाहते हैं। तो यह तो निश्चित है कि जिस विषय को हमें सीखना है उसमें हमको अभिरूची पैदा करनी होगी और वह पैदा होती है उस विषय से होने वाले लाभ से अगर आपको उस विषय में हानि दिखाई दे तो आप निश्चित ही उसमें अभिरूचि नहीं लेंगे। हालांकि यह सर्वविदित है कि ज्यादातर लोगों का मन गलत कार्यों में ही लगता है। ज्यादातर का मतलब है एक आम आदमी, पब्लिक, भीड़, लेकिन जो अपने मन को या अपनी रूचि को बदलने की सामर्थ रखते हैं वह व्यक्ति की भीड़ से अलग दिखाई देते हैं।
आज हम यह पक्के दाबे के साथ कह सकते हैं कि आने वाले समय में डायरेक्ट सेलिंग के क्षेत्र में एक क्रांति आने वाली है। जो समय से पहले जाग जाएंगे वह निश्चित तौर पर अपने आपको इस भीड़ से अलग पाएंगे। जब आपके अंदर अपने विषय यानि ‘‘डायरेक्ट मार्केटिंग’’ के संबंध में सीखने की प्रचुरता पैदा होगी तो निश्चित ही ‘‘डायरेक्ट मार्केटिंग’’ की पोवर यानि शक्ति की आपको जानकारी होगी और जब आप जाग जाएंगे तो आपको अच्छा पैसा कमाने यानि अपनी सभी इच्छाओं, अपने सभी सपनों को पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता।
संजय दीक्षित एड.
8630588789
www.herbalhdara.info


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