गरीब होकर मरना आपकी सोच पर सवाल खड़ा करता हैःभूवेंद्र
गरीबी में जन्मलेना अपराध नहीं है, लेकिन गरीब होकर मर जाना आपकी सोच पर सवाल खड़ा करता है
-हर्बलधारा की हुई सेमीनार में अपलाइन ने समझाए नेटवर्किंग के गुरु और दिए ट्रेनिंग में टिप्श
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| Bhuvendra Senghar |
हाथरस 11 January, 19। जिस काम में कोई झंझट न हो, जिसमें कोई रिस्क न हो, जो भारतीय कानून के तहत कार्य करनी वाली संस्था हो। यह ही नहीं जिसमें अपार सफलता के अचूक साधन यानि रास्ते हो। जो सबका साथ सबका विकास के फार्मूले पर पूर्णतः कार्य करती हो तो भला आपको उस संस्था से जुड़ने में क्या आपत्ति हो सकती है। यह उद्गार हाथरस के सलेमपुर स्थित एक शिक्षण संस्था में ‘‘हर्बलधारा’’ की आयोजित एक ट्रेनिंग सैमीनार में सीनियर्स लीडर्स ने व्यक्त किए।
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| Devesh Senghar |
सीनियर अपलाइन रमेशचंद्र जी ने बताया कि ‘‘हर्बलधारा’’ एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसकी हमको काफी दिनों से तलाश थी। जिसमें ज्योइनिंग से होने वाली मैचिंग, खरीदी-बिक्री सहित करीब 12 तरीके से पैसा आता है और यह सिस्टम बहुत ही आसान है। उन्होंने कहा कि बुद्धिमान कठिन समय में रास्ते खोजते हैं और कायर बहाने। अब आपको चुनना है कि आप कौन हैं।
डॉ.औंकार सिंह ने बताया कि दुनिया में 90 प्रतिशत लोग अपनी जिंदगी को खैंचकढ़ेर के चलतो हैं बमुश्किल गुजर-बसर हो पाती है। जबकि मात्र 10 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनको एक रुपये की आवश्यकता होती है और उनके पास 100 से भी अधिक होते हैं। इसका मतलब है कि वह सिस्टम से चलते हैं। अगर आपको भी उन 10 प्रतिशत लोगों में आना है तो ‘‘हर्बलधारा’’ सिस्टम में आना होगा। उन्होंने इसके लिए और भी तरीके बताए। जिसमें लिस्ट तैयार करना और लोगों को इनवाइट करना आदि।
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| Dr.Omkar Sinfh |
अजय सेंगर ने बताया कि नेटवर्किंग सिस्टम आने वाले समय का वह रास्ता है जो हजरों नहीं लाखों की संख्या में लोगों को पैसे की शक्ति में बहुत आगे ले जाएगा, लेकिन यह एक किसी बाग की तरह होता है। मसलन इसमें दूर-दूर बीजारोपण से शाखाएं अच्छी तरह से बिकशित हो जाती हैं और एक लंबे समय तक अच्छे परिणाम होते हैं। ‘‘हर्बलधारा’’ भी जो सिस्टम लेकर आई है, अगर उसका सही तरह से इस्तेमाल किया जाए तो कार्य करने वाला हर व्यक्ति करोड़ से ऊपर का आंकड़ा छूने में कोई गुरेज नहीं रखेगा।
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| Chhamman Singh Kuswaha |
कार्यक्रम का संचालन कर रहे शिक्षाविद् व ग्रेट अपलाइन देवेश सेंगर ने बताया कि हमको कई नेटवर्किंग सिस्टमों का अनुभव है, लेकिन जो बात
हर्बलधारा में है वह कहीं पर दिखाई नहीं दी। क्योंकि इसमें कंपनी ने जो प्लान बनाया है वह ज्यादा से ज्यादा पैसा डिस्ट्रीब्यूटरर्स में बांटने की व्यवस्था की है। कंपनी वही लंबी जाती है जहां पर कंपनी को घाटा न जाए और डिस्ट्रीब्यूटर्स को उसकी मेहनत का सही पारिश्रमिक मिले। क्योंकि कंपनी और डिस्ट्रीब्यूटरर्स एक ही गाड़ी के दो पहिए होते हैं। जहां पर यह मजबूत होते हैं वहां पर सफर बहुत लंबा जाता है।
ग्रेज अपलाइन भूवेंद्र सेंगर ने कहा कि एक अच्छे बिजनेस के लिए हमको आपस में एक अच्छा कमुनिकेशन पैदा करें। एक अच्छे बिनेसमैन बिलग्रेट्स सोफ्टवेयर कंपनी के मालिक हैं। उनका कहना है कि हम आज के समय में किसी पैसे बाले या फिर गरीब के यहां जन्मलेना हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन गरीबी में जन्मलेकर गरीब होकर ही मर जाना हमारी बड़ी कमी होती है। क्योंकि गरीबी और अमीरी हमरी सोच और संगत से मिलती है तो क्यों ना सोच को बदले और समय के साथ चलकर हर्बलधारा जैसे मिले प्लेटफार्म को अपना कर पैसे की कमी को सदा सदा के लिए खत्म कर दें। इस मौके पर संजय दीक्षित एडवोकेट ने भी लोगों की तमाम क्यौरीज के जबाव देकर उनको संतुष्ठ किया और काम करने के अच्छे टिप्श दिए।
www.herbaldhara.info





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