चर्चा, खर्चा और खरीदी विक्री तीन प्रकार से आती है इंनकमःअजय

चर्चा, खर्चा और खरीदी विक्री तीन प्रकार से आती है इंनकमःअजय
-जो बोलता है शब्दों को तोलता है नेटवर्किंग में जल्दी आगे बढ़ता है
-‘‘हर्बलधारा’’ के आगे सभी नेटवर्किंग फीकेःदेवश सेंगर
हाथरस 01 जनवरी,19। 
प्लान समझाते अजय सेंगर जी
जो लकीरों पर करते यकीं, 
वह लक का इंतजार करते हैं।
जो लकीरों को बदलने की कुब्बत रखते हैं,
वह लक बनाने में विश्वास करते हैं।
इन लाइनों ने हर्बलधारा की अलीगढ़ के गांव गढ़राना में हुई मीटिंग की हकीकत वयां कर दी है। मीटिंग में
कंपनी के सिस्टम के संबंध में समझाते देवेश सेंगर जी
इंगलिश कलेंडर में बदले नए वर्ष को सैलीव्रेट किया। साथ ही लीडरों ने इंदौर नेटवर्किंग का झंडा बुलंद कर रही ‘‘हर्बलधारा’’ नेटवर्किंग कंपनी के संबंध में भी महत्वपूर्ण जानकारियां दी। नेटवर्किंग क्या है, इससे क्या हो सकता है, लोग नेटवर्किंग की ओर क्यों गंभीर हैं, हर्बलधारा के साथ ही क्यों करनी चाहिए नेटवर्किंग आदि मुद्दों को सभी डिस्टीब्यूटरर्स जमकर गहन मंथन किया।
क्या था मीटिंग का विषयः-
जहां पूरी दुनिया इंगल कलेंडर के प्रथम दिन की खुशियां मनाने में लगी थी, वहीं यूपी के अलीगढ़ जिले के
मीटिंग में मौजूद लीडर्स
गांव गढ़राना में ‘‘हर्बलधारा’’ के लीडर्स भारत को पूरे वश्वि के पटल पर फिर से ‘‘विश्वगुरु’’ के खिताब पर पहुंचाने की पहल में लगे था। मिशन का विषय था ‘‘आर्थिक आजादी’’ कैसे लगा सकते हैं हम भारत में जल्दी और असान तरीके से आर्थिक आजादी। लीडर्स ने बताया कि नेटवर्किंग इंस्ड्रिट्रिज आने वाले समय का वह बिजनेस है हाम को भी खास बना देगा और इसकी शुरूआत हो चुकी है। बस इसमें देखना यह है कि नेटवर्किंग हमको किस प्लेट फार्म के साथ शुरू करनी चाहिए।
कैसे हुई श ुरूआतः-
कार्यक्रम की शुरूआत ईशवंदना के साथ हुई तो समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, लेकिन इसमें खासबात यह रही कि पूरे मंडल से आए लीडर्स ने आपसमें एकदूसरे से परिचय लिया और परिचय दिया। साथ ही अपने विशेष अनुभवों को शेयर किया।
लीडर्स के बोलः-
मीटिंग के दौरान स्टोर संचालक मनोज कुमार सर सामान देते हुए
सबसे पहले अजय सेंगर ने परिचय कराया और बड़े ही गंभीर ढंग से कंपनी का प्लान शेयर किया। उन्होंने बताया कि इस प्लान में चर्चा, खर्चा और फिर खरीदी-विक्री तीन प्रकार से इंनकम आती है। इस प्लान की खाशियत ही यही है कि इससे हर डिस्ट्रीब्यूटर प्रारंभ से ही प्रमोट होता चला जाता है। देवेश सेंगर ने ‘‘हर्बलधारा’’ नेटवर्किंग सिस्टम की बारियों को बड़े ही सरल ढंग से सामने रखा। जबकि संजय दीक्षित एडवोकेट ने खासकर डिस्ट्रीब्यूटर के अंदर छुपी झिझक को खोलने के मंत्र बताए और सभी को आगे बढ़ने के गुरु से अवगत कराया। सादाबाद से आए विनोद चौधरी ने नेटवर्किंग की विशेषता और उसमें भी ‘‘हर्बलधारा’’ नेटवर्किंग के लिए एक अच्छा प्लेट फार्म क्यों है इस पर प्रकाश डाला। जबकि मीटिंग को वरिष्ठ पत्रकार भूवेंद्र सेंगर, सादाबाद से ही रोहित चौहान व ठा.रमेशचंद्र आदि ने भी ‘‘हर्बलधारा’’ के संबंध में बारिक जानकारियां दीं।

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