ओरों के लिए क्यों अपने लिए बेचोगे तो बनोगे करोड़ पति
ओरों के लिए क्यों अपने लिए बेचोगे तो बनोगे करोड़ पति
पढ़ने लिखने के बाद भी नौकरी कब मिलेगी ?
अपना घर कब खरीदेंगे ?
क्या मेरे नसीब में गाड़ी खरीदना लिखा है ?
बेटी की शादी कब होगी ?
बीमारियां पीछा नहीं छोड़ रही ?
संजय दीक्षित
यह ही नहीं और भी बहुत सारे प्रश्न आपके लिए दिन में चेन से बैठने नहीं देते और रात में नींद आने नहीं देते आखिर आप करें तो करें क्या। क्योंकि सारी की सारी जढ़ आमदनी की है। खराब स्वास्थ्य को आखिर कब तक संभालें। क्योंकि दवाएं आपको जब तक साथ देंगी, तब तक आप उन्हें खरीदते रहेंगे, लेकिन खरीदें तो खरीदें कहां से। क्योंकि उनके लिए भी पैसा चाहिए। अब पैसा पहले घर खर्च के लिए निकालें कि इन दवाओं के लिए। जी हम तो कहते हैं ऐसा कुछ क्यों नहीं करते कि कहाबत सिद्ध हो कि ‘आम के आम और गुठलियों के दाम’। हां हमारे पास इसका समाधान है, लेकिन आप माने तब ना अभी और सोचलो, समझ लो एक-एक मिनट कीमती है। जो मिनट आपकी निकल रही है वह दोबारा आपके जीवन में नहीं आएगी। दिन वही वही आएगा, रात वही आएगी, लेकिन निकला हुआ समय कभी भी वापस नहीं आएगा
अब अपने सभी दुखां को दूर कीजिए। अब आप हपने सभी दुखों को दूर कीजिए और ज्योइन कीजिए हर्बलधारा। जिसमें आपको मिलेगा पैसा, नहीं लगानी होगी रकम, ना हीं है कोई झंझट, ना हीं है कोई रिस्क। क्योंकि मात्र 15 सौ रुपये में कंपनी की बंडरलाइफ खरीदने से आपको हो जाएगा एक बिजनेस शुरू। बीस भयंकर बीमारियों से शुरू हो जाएगी आपके शरीर की सुरक्षा। सबसे अधिक सुखद बात तो यह होगी कि आपकी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी होगा सुगम समाधान। न देखनी होगी उनको नौकरी और ना हीं करना ओगा कोई और काम। बस एक ही होगा नारा हमारा हर्बलधारा। समझिए, सोचिए और जमकर करिएगा मंथन। फिर उठाइए कदम और बोलिए ‘‘एक ही नारा हर्बलधारा’’
जो भी यहां कुछ बेचना है वहीं मुनाफा पाता है। जितने भी बड़े लोग इस दुनिया में हैं वह सभी कुछ न कुछ बेचकर बड़े बने हैं। फर्क इतना है कि या तो वह किसी और के लिए बेचते हैं या फिर अपने लिए। अंतर भी समझ लीजिए। अमिताब बच्चन कभी जांघिया बेचते हैं तो कभी नवरत्न तेल तो कभी कुछ और, लेकिन ओरों के लिए फिर भी कमा रहे हैं पैसा। अब दूसरी ओर मुकेश भाई अंबानी बेचते हैं अपने लिए ओरों को नेटवर्क और न जाने क्या-क्या, लेकिन उनका अपना माल है। अब ध्यान देने की एक और बात है। वह है कि न आपको अमिताब
बच्च की तरह ओरों का कुछ बेचना है और ना हीं मुकेशा भाई अंबानी की तरह लाखों करोड़ों हजार रुपये भी इनवेस्ट करने हैं आपको केवल हर्बलधारा से अपने घर खर्च का सामान खरीदना है और औरों पर खरीदवाना है न इनवेस्ट करना है और ना हीं किसी पर कराना है। हेना मजे की बात हर्र लगे न फिटकिरी रंग चोखा ही चोखा आए। मतलब न पैसा लगाना और ना हीं लगवाना और काम करोगे तो इसकी तो गारंटी है कि आप भी आने वाले समय के करोड़ पति बनोगे, लेकिन सोचने से नहीं आज से और अभी से लग जाओ और करलो दुनिया मुठ्ठी में। अब यह निर्णय आपको लेना है कि बेरोजगार बनकर नौकरी तलासने में ही जिंदगी निकालनी है या फिर हर्बलधारा से जुडकर अपना बिजनेस खेड़ा कर इतनी दौलत करनी है कि आपका परिवार भी अपने देखे सभी सपने पूरे कर सके।

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