मेरा 'मत' दान के लिए देश और समाज के लिए
*मेरे पास 'मत' है और देश व समाज के लिए मेने उसका दान किया है* ब्रजद्वार (हाथरस)। गणतंत्र से मिली ताकत का नाम है 'मत'। 'मत' का सदैव दान ही किया जाता है। आप चाह करके भी 'मत' को उधार नहीं दे सकते। 'मत' मजबुरी नहीं अपितु स्वैच्छिक रूप से किसी ऐसे व्यक्ति, संघ या संगठन को दान किया जा सकता है जिस से शांति, सौहार्द और सद्भावना की आपको उम्मीद हो। भारतीय गणतंत्र में तो 'मत' की और अधिक जिम्मेदारी बढ़ जाति है क्योंकि भारतीय गणतंत्र ही वह सर्व कल्याणी व्यवस्था है जिसके माध्यम से पूरे विश्व में बहुसंख्यक समाजों को सुरक्षा और संरक्षा मिल सकती है, बसरते कि इसकी बागडोर सच्चे, नि:स्वर्थ और सनातनी संकल्प की सोच वाले व्यक्तित्व के हाथों में होनी चाहिए। जिसके अंदर न परिवार बाद की पकौड़ी सिकती हो और ना हीं भ्रष्टता की मलाई जमती हो। मेने भी एक ऐसे ही व्यक्तित्व को आज पुन: एक बार फिर से अपने मत का दान कर दिया है। हालांकि मेरा परिवार भी देश में एक विदेशी भाषा में उच्चरित नाम वाली पार्टी का दिवाना हुआ करता था। यह ही नहीं देश के लिए अपना लहू भी बहाने व...